झांसी! बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के नेतृत्व में एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन करते हुए मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय ने कहा कि पूर्व में दिए गए ज्ञापन में मण्डल आयुक्त को बुन्देलखंड विश्वविद्यालय एवं महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के सामने बने नर्सिंग होम्स के पीछे स्तिथ कैमासिन की पहाड़ी (पहाड़) को अवैध रूप से काट कर उसके स्वरूप को बदलने जाने की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाने के लिए के बावत दो पत्र दिए जा चुके है, पर अभी तक कार्यवाही होते न देख बुन्देलखंड निर्माण मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में कैमासिन के पहाड़ पर स्थित मंदिर के समीप धरना दिया गया। धरना देते समय कहा गया कि कैमासिन की पहाड़ी के नाम से जान जाने वाले पहाड़ का महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व है।
उक्त पहाड़ पर माता का सिद्ध मंदिर बना है जो लाखो भक्तों की आस्था का केंद्र है। जहां इस पहाड़ का धार्मिक महत्व है वही सौंदर्य का प्रतीक भी है उक्त पहाड़ का रकवा लगभग 55 एकड़ से ज्यादा बताया जाता है। उक्त पहाड़ प्रदेश सरकारी की सम्पत्ति के रूप में दर्ज कागजात है और पहाड़ के आकर, प्रयोजन एवं श्रेणी में परिवर्तन करने का अधिकार किसी को नही यहां तक कि किसी न्यायालय तक को नही है उत्तर प्रदेश के राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव के पत्र संख्या आर 5303/5-264ए 2019 दिनांक 7.1.2020 जो प्रदेश के समस्त मण्डल आयुक्तों को लिखा गया में लिखा गया कि हिंचलाल तिवारी बनाम कमला देवी वाद में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार वन, ताल, तालाब, पहाड़ी, पहाड़ आदि प्राकर्तिक सम्पदा है जो पृथ्वी पर संतुलन बनाये रखते है। इनको बचाये रखना लोगो की जिन्दगी को खुशहाल रखने के लिए आवश्यक है संविधान का अनुच्छेद 21 इनको बचाये रखने की गारण्टी देता है कैमासिन के पहाड़ की श्रेणी में परिवर्तन किया जाता रहा एवं लम्बे समय तक कटान होती रही पर शासन, प्रशासन से लेकर संबंधित विभाग चिर निद्रा में क्यो रहे बुन्देलखंड क्षेत्र में वारिश कम होने की वजह इन पहाड़ो व जंगलों की अवैध कटान व ताल, तालाब का अतिक्रमण भी है जिसे रोके जाने के लिए सख्त से सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है धरना देते समय कहा गया की मानदंड का उल्लंघन कर कैमासिन के पहाड़ की कटान, श्रेणी परिवर्तन, मोरम की उठान एवं संबंधित विभागों की लापरवाही/ संलिप्तता की वरिष्ठ अधिकारी के तहत समय बद्ध, उच्च स्तरीय जांच करवाकर कृत कार्यवाही एवं जांच आख्या से प्रार्थी को भी अवगत कराने की कृपा की जाए उक्त विषय का ध्यान आकर्षित करवाने के लिये वर्ष 2014 – 15 में माननीय कुलपति जी बुन्देलखंड विश्वविद्यालय ने भी श्रीमान जिला अधिकारी झाँसी को कार्यवाही किये जाने के लिए पत्र लिखा था यह भी मांग है कि पहाड़ी पर बने मंदिर के लिए पहाड़ के ऊपरी हिस्से पर बनी कच्ची सड़क को पक्की करवायाकर रेलिंग लगवाई जाए जिससे बुजुर्ग नागरिक दर्शन करने मंदिर तक आसानी से पहुंच सके ।
धरना देने वालो में रघुराज शर्मा, सत्येंद्र पाल सिंह, गिरजा शंकर राय, कुंवर बहादुर आदिम, प्रदीप झा, बंटी दुबे , गोलू ठाकुर, हनीफ खान, कलाम कुरैशी, रसीद कुरैशी, कुंवर , नईम मंसूरी ,गोविंद सोनकर, राज शाक्य, अंकुर सहाय , शैम ,प्रेम सपेरा, नीरज कुशवाहा आदि उपस्थित रहे। धरना प्रदर्शन में बुन्देलखण्ड क्रांति दल के द्वारा समर्थन दिया गया। यदि कार्यवाही प्रारंभ नहीं हुई तो लाओ लश्कर के साथ आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी ।